NEELAM GUPTA

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इंद्रधनुषी जीवन मेरा

इंद्रधनुषी जीवन मेरा।

जीवन के रंग अनोखे ।
जीवन का सुरमई सुरमा है।
देखिए कैसे इन्द्रधनुषी रंग आई मै।
अपनी पीली पीली मिट्टी की खुशबू लाई मै।

श्वेत बादल की बदरी छाई थी।
फरवरी का महीना था।
खुब बारिश बरसाई थी।
बताती है माँ क्या तुफान बरपाई थी मैं ।

बन पापा की चिड़क चिडिईया ।
हरा रंग जीवन में भरने आई थी।
आसमानी रंग में उड़ती मस्त गगन में।
झूमती गाती तितलियों के पीछे पीछे मैं।

धानी धानी घास के मैदानों में सीखते सीखते।
नीले नीले पानी में अपनी तस्वीर बनाई थी।
बैंगनी सपने लेकर बड़ी हो रही थी।
जिंदगी को पढ़ अपने मुकाम दे रही थी मैं।

अब लाल चुनर ओढ़ने की बारी आई।
शर्माते शर्माते गुलाबी गालों से।
पलकें झुकाई थी।
बन्ध प्रणय सुत्र में पिया संग आई मैं।

सात रंगों से सजा मेरा जीवन।
इन्द्रधनुषी बन नभ पर छा गया।
जीवन के रंगों से सरोकार हुआ।
प्यार ही प्यार से सरोबार हो गयी मैं ।

नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
दिल्ली



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3 Comments

Satesh Dev Pandey

25-Mar-2021 07:17 AM

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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RICHA SHARMA

23-Mar-2021 07:43 PM

👍👍👍

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kapil sharma

23-Mar-2021 12:07 PM

Good

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